अधिगम की विशेषता एवं प्रकृति – Characteristics and nature of learning

अधिगम की विशेषता एवं प्रकृति / Characteristics and nature of learning:-अधिगम की विशेषताएँ और प्रकृति: जानिए कैसे सीखना हमारे व्यवहार, विचार और व्यक्तित्व में बदलाव लाता है। यह सतत, सार्वभौमिक और उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जो जीवनभर चलती रहती है। अधिगम के माध्यम से अर्जित ज्ञान, कुशलताएँ और दृष्टिकोण हमें जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफल बनाते हैं। इस लेख में अधिगम की महत्वपूर्ण विशेषताओं और प्रकृति को विस्तार से समझाया गया है, जो आपके व्यक्तिगत और शैक्षिक विकास में सहायक हो सकता है।

अधिगम की विशेषता एवं प्रकृति|Characteristics and nature of learning

Characteristics and nature of learning

अधिगम एक निरंतर प्रक्रिया है जिसके माध्यम से हमारे व्यवहार में बदलाव आते हैं। यह बदलाव जन्मजात नहीं होते और न ही वंशानुगत होते हैं, बल्कि वातावरण और अनुभवों के माध्यम से अर्जित होते हैं। जो भाषा हम बोलते हैं, कौशल जो हम अपनाते हैं, हमारी रुचियाँ, आदतें और व्यक्तित्व की विशेषताएँ सभी अधिगम का परिणाम होते हैं।

अधिगम की विशेषताएँ और प्रकृति:

  1. सीखना व्यवहार में परिवर्तन लाता है:
    • अधिगम का मुख्य लक्ष्य व्यक्ति के व्यवहार में परिवर्तन लाना है। यह परिवर्तन अच्छा भी हो सकता है और बुरा भी। अच्छे परिवर्तन जैसे शब्दों का सही उच्चारण, और बुरे परिवर्तन जैसे चोरी करना। व्यक्ति अपने और दूसरों के अनुभवों से सीखकर अपने व्यवहार, विचार और भावनाओं में परिवर्तन लाता है।
  2. अर्जित व्यवहार की प्रकृति अपेक्षाकृत स्थाई होती है:
    • अधिगम के द्वारा व्यवहार में जो परिवर्तन होते हैं, वे न तो पूर्ण स्थाई होते हैं और न ही अस्थाई। इनकी प्रकृति दोनों के बीच की स्थिति वाली होती है। इसलिए, सीखने के द्वारा व्यक्ति के व्यवहार में जो परिवर्तन होते हैं, वे अपना प्रभाव छोड़ने में समर्थ होते हैं।
  3. सीखना जीवनपर्यंत चलने वाली एक सतत प्रक्रिया है:
    • अधिगम वंशानुगत नहीं है, परंतु इसकी शुरुआत व्यक्ति के जन्म से पहले ही माँ के गर्भ में हो जाती है। जैसे अभिमन्यु ने चक्रव्यूह भेदने की प्रक्रिया अपनी माँ के गर्भ में ही सीख ली थी। जन्म के बाद, व्यक्ति विभिन्न अनुभवों से लगातार सीखता रहता है।
  4. सीखना एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है:
    • अधिगम किसी एक व्यक्ति, जाति या देश की बपौती नहीं है। संसार के सभी जीवधारी अपने-अपने तरीके से अनुभवों के माध्यम से सीखते रहते हैं। यह दावा कि किसी विशेष जाति या लिंग के लोग अन्य लोगों से बेहतर सीखते हैं, निराधार है।
  5. सीखना उद्देश्यपूर्ण और लक्ष्य निर्देशित होता है:
    • जब भी हम कुछ सीखने का प्रयास करते हैं, तो उसका कोई न कोई उद्देश्य या प्रयोजन होता है। हमारे सीखने की प्रक्रिया किसी उद्देश्य या लक्ष्य की प्राप्ति की दिशा में आगे बढ़ती है। जैसे-जैसे हमें इस लक्ष्य की प्राप्ति में सहायता मिलती है, हम अधिक उत्साह से सीखते रहते हैं।
  6. सीखने का संबंध अनुभवों की नवीन व्यवस्था से होता है:
    • अधिगम की प्रक्रिया में प्राप्त अनुभवों के नवीन समायोजन और पुनर्गठन का कार्य चलता रहता है। इस तरह, अनुभवों की नवीन व्यवस्था या समायोजन का कार्य चलते रहना ही अधिगम की विशेषता बन जाती है।
  7. सीखना वातावरण और क्रियाशीलता की उपज है:
    • अधिगम के लिए वातावरण के साथ सक्रिय अनुक्रिया करना आवश्यक है। व्यक्ति जितनी अच्छी तरह से वातावरण के साथ सक्रिय होकर अनुक्रिया करेगा, वह उतना ही सीखने में सक्षम होगा। वातावरण में उपस्थित उद्दीपनों के प्रति सक्रिय होकर अनुक्रिया करने से ही अधिगम की प्रक्रिया आगे बढ़ती है।
  8. सीखने की एक परिस्थिति से दूसरी परिस्थिति में स्थानांतरण होता है:
    • जो कुछ भी एक परिस्थिति में सीखा जाता है, उसका अर्जन किसी दूसरी परिस्थिति में सीखने के कार्य में बाधक या सहायक बन सकता है। अधिगम की विशेषता यही है कि उसका एक से दूसरी परिस्थिति में स्थानांतरण होता रहता है।
  9. सीखने के द्वारा शिक्षण अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति की जा सकती है:
    • अधिगम के माध्यम से विद्यार्थी निर्धारित शिक्षण अधिगम उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए प्रयास कर सकते हैं। इस प्रकार के उद्देश्यों की पूर्ति से विद्यार्थियों में ज्ञान, समझ, सूझ-बूझ, कुशलताएँ, रुचियाँ और दृष्टिकोण का विकास किया जा सकता है।
  10. सीखना उचित वृद्धि और विकास में सहायता करता है:
    • अधिगम की प्रक्रिया शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, संवेगात्मक, सौंदर्यात्मक, नैतिक और भाषा संबंधी विकास में सहायता पहुँचाती है। यह व्यक्ति की उचित वृद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

निष्कर्ष:

अधिगम की विशेषता एवं प्रकृति  एक सतत, सार्वभौमिक और उद्देश्यपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे व्यवहार, विचार और व्यक्तित्व को प्रभावित करती है। यह प्रक्रिया जीवनपर्यंत चलती रहती है और हमें नए अनुभवों के माध्यम से सीखने का अवसर प्रदान करती है। अधिगम की विशेषताएँ और प्रकृति को समझना हमें इस प्रक्रिया को बेहतर तरीके से अपनाने और अपने विकास के लिए उपयोग करने में सहायता करता है।

महत्वपूर्ण लिंक

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *