प्रक्रियात्मक अधिगम – Procedural Learning

प्रक्रियात्मक अधिगम क्या है ?

प्रक्रियात्मक अधिगम – Procedural Learning

:- समान रूप से प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में उन सभी परिवेशिय अवस्थाओं को सम्मिलित किया जाता है जो कि छात्रों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से अधिगम कराता है , इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है।  कक्षा में एक छात्र को शिक्षक द्वारा एक से सौ तक गिनती सिखाई जाती है छात्र शिक्षक के डर से उन गिनतीयों को याद करने का प्रयास करते हैं अनेक बार व शिक्षक से दंड भी प्राप्त कर चुका होता है परंतु उसको गिनती याद नहीं होती है इसके बाद वह अपने परिवार में रुपए के लेनदेन देखता है। परिवार में छात्र द्वारा एक दूसरे को बाजार से सामान लाते देखा जाता है घर में गाय एवं बकरियों की संख्या को गिनता है या फिर अपने खिलौनों की संख्या को गिनता है या अपने मित्रों की संख्या को गिनता है। तो धीरे-धीरे वह स्वाभाविक रूप से गिनती सीखने लगता है। इस प्रकार के अधिगम प्रक्रियात्मक अधिगम कहलाता है। इसमें विद्यालय क्रिया को जब परिवेशिय क्रियाओं से संबंधित कर दिया जाता है अथवा परिवेश की क्रियाओं को विद्यालय क्रियाओं से संबंधित कर दिया जाता है तो इस प्रकार के अधिगम संपन्न होता है

प्रक्रियात्मक अधिगम

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प्रक्रियात्मक अधिगम की परिभाषा

  1. प्रोफेसर एसके दुबे के अनुसार

:-“प्रक्रियात्मक अधिगम का आशय उन परिवेश से क्रियाओं के माध्यम से ज्ञान प्राप्त करने से है जिसका सैद्धांतिक स्वरूप विद्यालय व्यवस्था में उपलब्ध कराया जाता है।”                                                                                                                                                                          इस प्रकार सिद्धांत एवं व्यवहार का समन्वय अर्थात विद्यालय केरिया और परिवेश क्रियाओं का समन्वय इसके प्रमुख आधारशिला है। प्रक्रियात्मक अधिगम के कुछ विशेषताएं निम्नलिखित इस प्रकार है-

  1. इसके माध्यम से ज्ञानेंद्रियों का प्रयोग व्यापक रूप से किया जाता है। प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में छात्रों द्वारा छूकर देखकर तथा सुनकर अधिगम किया जाता है। वाली अवस्था का अधिगम जो कि घर परिवार एवं परिवेश में होता है तथा समाकलन सकेंद्रित अधिगम के माध्यम से होता है
  2. प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में छात्रों द्वारा चिंतन और तर्क करने का प्रयोग किया जाता है। क्योंकि छात्रों द्वारा जब किसी वस्तु को देखा जाता है तो इसके बारे में अपने साथियों के साथ तथा शिक्षा के साथ व्यापक विचार विमर्श एवं चिंतन मनन होता है तब उसका निष्कर्ष प्राप्त किया जाता है
  3. प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में व्यवहारिक तथ्यों का प्रयोग किया जाता है।
  4. प्रक्रियात्मक अधिगम में छात्रों द्वारा अपने घर परिवार में तथा विद्यालय में विभिन्न क्रियाओं को अनुकरण के माध्यम से सीखा जाता है।                                                                                                                                                                                                                    जैसे बालक का भाषाई विकास अपने घर परिवार में प्रारंभ होता है। इसमें बालक अपने माता पिता के द्वारा सिखाए गए वाक्यों को ही सीखता है तथा विभिन्न अवसर पर उसका प्रयोग करता है।
  5. प्रक्रियात्मक अधिगम में शिक्षकों द्वारा उपयोग एवं आवश्यक ज्ञान को सिखाया जाता है तथा छात्र भी उस क्रियाओं को अधिक महत्व देते हैं जो उनके लिए उपयोगी होता है।                                                                                                                                                                                         जैसे भोजन करना भोजन संबंधी तथ्यों को जानने तथा कपड़ों के बारे में ज्ञान प्राप्त करना।
  6. दैनिक परिस्थितियों के माध्यम से भी छात्रों को सीखने के अवसर प्राप्त होते हैं जैसे बालक बाजार में सामान खरीदने के लिए पैसे प्राप्त कर लेते हैं तो वह दुकानदार से वार्तालाप में विभिन्न वस्तुओं का नाम तथा मुद्रा की क्रय शक्ति के बारे में भी समझने लगते हैं की कितने रुपए में कितनी वस्तु का क्रय की जाती है।
  7.  शिक्षार्थी द्वारा विभिन्न प्रकार के समस्याओं के समाधान द्वारा भी अधिगम किया जाता है।
  8. अनेक अवसरों में प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में छात्रा ब्रोकन के माध्यम से भी सीख जाते हैं। जैसे कुमार का बालक अपने माता पिता को बर्तन बनाते देखकर बर्तनों के निर्माण में समन प्रक्रिया से परिचित हो जाते हैं तथा आवश्यकतानुसार बर्तन निर्माण की कुछ प्रक्रियाओं संपन्न कर लेते हैं।
  9. प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया में छात्र संचार माध्यमों से बहुत सीखते हैं। वर्तमान समय में छात्रों को दूरदर्शन पर अनेक चैनल देखने के अवसर प्राप्त होते हैं। इस आधार पर छात्र अपनी रूचि के अनुसार कोई चैनल को देखकर भी ज्ञान अर्जन करते हैं जो कि उसके जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में काम आता है

प्रक्रियात्मक अधिगम के उद्देश्य

  1. बालक को जीवन में वास्तविक अनुभवों से परिचित कराना जिससे कि छात्र अपने आवश्यकता के आधार पर जीवन में इन अनुभवों को प्रयोग करके अपने जीवन को सुख में बना सके।
  2. परिवेशिय संसाधनों एवं प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम प्रयोग प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया के माध्यम से किया जा सकता है। जैसे परिवेश में तालाब कृषि फार्म एवं उद्यानों का प्रयोग शिक्षक द्वारा छात्रों को विभिन्न प्रकार के सूचनाएं प्रदान करने के लिए किया जा सकता है
  3. छात्रों के लिए मानसिक विकास का मार्ग प्रशस्त कराना भी प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया का उद्देश्य है जैसे विभिन्न प्रकार की गतिविधियों को देखकर या अनुमान लगा लेते हैं कि शिक्षक क्रोधित अथवा प्रसन्न है। इस प्रकार अनेक क्रियाएं प्रक्रियात्मक अधिगम में संपन्न होती है।
  4. प्रक्रियात्मक अधिगम का उद्देश्य परिवेश के साधनों का अधिक से अधिक उपयोग करना है जिससे छात्रों को परिवेश के माध्यम से अधिक से अधिक ज्ञान प्रदान किया जा सके।
  5. प्रक्रियात्मक अधिगम प्रक्रिया औपचारिक एवं अनौपचारिक अधिगम प्रक्रिया के समन्वित रूप को प्रस्तुत करती है इसी आधार पर छात्रों को उच्च विकास संभव होता है

इन्हें भी देखें

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