Naturalism | प्रकृतिवाद

:- प्रकृतिवाद / Naturalism  वह रूप है जो पूर्णत: वास्तविकता को मानती है। यह अलौकिक और परालौकिक को नहीं मानती है। जो बातें प्राकृतिक नियम स्वतंत्र जान पड़ती है जैसे मानव जीवन या कल्पना के उपज वह भी वास्तव में प्रकृति की योजना में आती है। इस का मानना है कि प्रत्येक वस्तु प्रकृति के द्वारा उत्पन्न होती है और प्रकृति में ही विलीन हो जाती है।

प्रकृतिवाद का अर्थ 

प्रकृतिवाद

प्रकृतिवाद का उद्देश्य (Naturalism)

  1. यंत्रवादी प्रकृति वादियों के विचार प्रकृति वादियों का कहना है कि शिक्षा का कार्य व्यक्ति में ऐसे व्यवहार का विकास करना है जिससे क्यों वह मशीन के समान कुशलतापूर्वक कार्य कर सकें जो आधुनिक जीवन के लिए उपयुक्त हो।
  2. जीव विज्ञान बादी वाले प्राकृतिवादियों के विचार इनके अनुसार शिक्षा के उद्देश्य मनुष्य के वर्तमान और भावी सुख को सुरक्षित करना।
  3. Darwin के विचार के अनुसार प्राकृतिक शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य का विकास जीवन के निरंतर स्तरों से होना चाहिए। उनका कहना है कि प्राणी अपने जीवन को बचाए रखने के लिए वातावरण से निरंतर संघर्ष करता है
  4. के विचारों के अनुसार प्रकृतिवाद का विचार है कि मनुष्य के जीवन की सुरक्षा और आवश्यकता है जिसमें सर्वश्रेष्ठ गुण आत्म संतोष को सिखाया जाता है। अतः शिक्षा का उद्देश्य है बालक के मूल प्रवृत्तियों और स्वाभाविक अभावों का विकास करना इसके अतिरिक्त शिक्षा का उद्देश्य बालक को आत्म संरक्षण और आत्म संतोष करने में भी सहायक होता है
  5. प्रकृतिवादियों के अनुसार बालक को एक कदम आगे बढ़ाने के लिए उसमें उसके प्रजातिय गुणों का तेज विकास किया जाना ही उद्देश्य है।
  6. प्रकृति वादियों का कहना है कि आदर्शवाद जैसा हम विचार और बंधनों में विश्वास नहीं करते बल्कि व्यक्तियों की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं जो शिक्षा के द्वारा व्यक्तियों की प्रकृति दृढ़ता प्रदान करता है। जिसे व्यक्तित्व का विकास कहते हैं

प्रकृतिवाद व पाठ्यक्रम

  1. इसके अनुसार पाठ्यक्रम में प्रत्यक्ष रूप से बालकों को आत्म संरक्षण के विषयों को सिखलाना चाहिए। जैसे शरीर विज्ञान स्वास्थ्य विज्ञान इत्यादि।
  2. प्रकृति वादियो ने प्रत्यक्ष रूप से ऐसे विषयों का भी समावेश किया है जिसमें भौतिक विज्ञान भूगोल गणित वस्त्र संबंधित विज्ञान भोजन से संबंधित विज्ञान etc विषयों को सम्मिलित किया है। ऐसी क्रियाएं जिसमें गृह शास्त्र शरीर विज्ञान बाल विज्ञान पालन पोषण इतिहास समाजशास्त्र राजनीति शास्त्र अर्थशास्त्र कला भाषा साहित्य आदि मनोरंजक क्रियाएं खेलकूद इत्यादि।
  3. प्रकृतिवाद के अनुसार पाठ्यक्रम में बाल मनोविज्ञान गृह विज्ञान शारीरिक विज्ञान होने चाहिए।
  4. प्रकृति वादियो ने बालकों के लिए वैसी क्रिया का समावेश किया जिससे बालकों में समाज से संबंधित सामाजिक नियमों और राष्ट्र से संबंधित राजनीतिक प्रावधानों के विषय में जानकारी दी जा सके। जैसे सामाजिक विज्ञान राजनीतिक शास्त्र अर्थशास्त्र इतिहास भूगोल इत्यादि।
  5. प्रकृति वादियो ने पाठ्यक्रम में बालक के रुचियां के अनुसार विषयों को शामिल किया है। जैसे कला , संगीत , साहित्य , भाषा इत्यादि।

प्रकृतिवाद एवं शिक्षण विधियां

:- प्रकृतिवाद के अनुसार शिक्षण विधियों के क्षेत्र में प्रकृति का महत्वपूर्ण योगदान है। यह प्राचीन और परंपरागत शिक्षण विधियों के विरुद्ध क्रांति है। यह रखने और निष्क्रिय अभ्यास का विरोध करके सीखने पर और अनुभव द्वारा सीखने का समर्थन करता है। रूसो के अनुसार छात्रों को मौखिक न पढ़ाकर बल्कि उसको अनुभव द्वारा सीखने पर बल दिया जाए। जिसमें अनेक महत्वपूर्ण विधियां है। कैसे खेल विधि निरीक्षण विधि अवलोकन विधि खोज विधि डाल्टन विधि अन्वेषण विधि ऐतिहासिक विधि व प्रदर्शन विधि इत्यादि।

प्रकृतिवाद व शिक्षक

:- प्रकृतिवाद शिक्षा योजना में शिक्षा का स्थान कौन रखता है।

Naturalism

प्राकृतिक वादियों का कहना है कि प्रकृति ही बालक का वास्तविक शिक्षक है पुलिस टॉप यह बालकों की शिक्षा में शिक्षा को हस्तक्षेप करने से मना करती है। शिक्षा का कार्य सिर्फ मार्गदर्शक एक निरीक्षण करता का होता है। जो शिक्षा के क्षेत्र में बालकों के लिए अनुकूल परिस्थितियों का निर्माण करता है

प्रकृतिवाद व बालक

प्रकृति वादियो ने बालकों को सर्वोपरि स्थान दिया है। जिसमें उनकी जिज्ञासाओं मूल शक्तियों प्रेरणाओ और स्वतंत्रता पर विशेष बल दिया है।

प्रकृतिवाद व अनुशासन

प्रकृति वादियों का बाह शक्तियों पर आधारित अनुशासन में विश्वास ही नहीं है। उनका नारा है स्वतंत्रता बच्चों को कभी डर नहीं दिया जाना चाहिए। बल्कि बच्चों प्रकृति द्वारा उनमें स्व अनुशासन के गुणों का समावेश करना चाहिए।

प्रकृतिवाद व मूल्यांकन (Naturalism)

आधुनिक शिक्षा मनोविज्ञान और समाजशास्त्र प्रकृतिवादी है। व्यवहारवाद का जन्म प्रकृतिवाद से माना जाता है। प्रकृति बाद में शिक्षा को वैज्ञानिक और जैविकिए दृष्टिकोण दिए हैं। जो समाजशास्त्र के वैज्ञानिक अध्ययन का केंद्र है। प्रकृतिवाद विभिन्न सिद्धांतों को जन्म देता है। जैसल निरीक्षण अवलोकन बाल मनोवैज्ञानिक इत्यादि।

Idealism | आदर्शवाद किया है

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