CDP QUESTION | CDP QUESTION IN HINDI | CDP most important question in CTET 2024

CTET CDP QUESTION Most Important Questions: /ctet CDP QUESTION in hindi केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (CTET) July 2024 में आयोजित होने वाली है। इस परीक्षा में पेपर वन में पांच खंडों होते हैं। जिसमें अंग्रेजी भाषा, हिंदी भाषा, गणित और पर्यावरण अध्ययन – CDP  से पूछे जाएंगेI CTET CDP  सिलेबस 2024  के अनुसार, इस खंड में बहुविकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रारूप में कुल 30 प्रश्न पूछे जाते हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है और कोई नकारात्मक अंकन नहीं होता  है।

CTET CDP QUESTION Most Important Questions IN HINDI

1. बाल्यकाल होता है

(a ) जन्म से लेकर 3 वर्ष की आयु तक

(b ) तीसरे वर्ष से लेकर 6 वर्ष की आयु तक

(c ) छठे वर्ष से लेकर 12 वर्ष की आयु तक

(d ) दूसरे वर्ष से लेकर 10 या 12 वर्ष की आयु तक

Ans : (C ) बाल विकास को सामान्य रूप से चार अवस्थाओं से होकर गुजरना पड़ता हैं

शैशवावस्था – जन्म से 5 या 6 वर्ष तक

बाल्यावस्था – 5 या 6 वर्ष से 12 वर्ष तक

किशोरावस्था 12 वर्ष से 18 वर्ष तक

प्रौढावस्था – 18 वर्ष से 40 वर्ष तक

2. निम्नलिखित में से कौन सा आयु समूह परवर्ती बाल्यावस्था श्रेणी के अन्तर्गत आता है ?

(a ) 11 से 18 वर्ष

(b ) 18 से 24 वर्ष

(c ) जन्म से 6 वर्ष

(d ) 9 से 12 वर्ष

Ans : (d ) परवर्ती बाल्यावस्था की आयु 9 से 12 वर्ष तक मानी जाती है। इस आयु में शरीरिक विकास की गति कुछ धीमी हो जाती है परन्तु इस अवधि में शरीरिक विकास दृढ़ता की ओर उन्मुख होता है। यही कारण है कि 9 से 12 वर्ष की अवधि को परिपाक काल भी कहते हैं।

 3. स्व केन्द्रित अवस्था होती है बालक के

(a ) जन्म से 2 वर्ष तक

(b ) 3 से 6 वर्ष तक

(c ) 7 वर्ष से किशोरावस्था तक

(d) किशोरावस्था में

Ans : (b ) जन्म से 6 वर्ष तक की अवस्था को शैशवावस्था कहा जाता है। शैशवावस्था का अन्तिम चरण 36 वर्ष जिसे पूर्व बाल्यावस्था भी कहते हैं। ऐसे बालक स्वयं की खुशी की चिंता करते है। इसलिए इस अवस्था को स्वकेन्द्रित अवस्था भी कहा जाता है।

4. विकास की किस अवस्था में बुद्धि का अधिकतम विकास होता है ?

(a) बाल्यावस्था

(b) शैशवावस्था

(c) किशोरावस्था

(d) प्रौढ़ावस्था

Ans : (c ) किशोरावस्था में बुद्धि का अधिकतम विकास हो जाता है। इस अवस्था में बालकों की कल्पनाशक्ति जिज्ञासा बौद्धिक क्षमता काफी बढ़ जाती है।

 5. निम्न में कौन सा शारीरिक विकास का एक प्रमुख नियम है ?

(a ) मानसिक विकास से भिन्नता का नियम (b ) अनियमित विकास का नियम

(c ) द्रुतगामी विकास का नियम

(d) कल्पना और संवेगात्मक विकास से सम्बन्ध का नियम

Ans : (b ) अन्य प्राणियों की अपेक्षा मनुष्य के शारीरिक विकास की गति धीमी तथा अनियमित होती है। शैश्वावस्था में शारीरिक वृद्धि एवं परिवर्तन तीव्रतम गति से होता है। बाल्यावस्था में यह गति धीमी हो जाती है पुनः किशोरावस्था में विकास तीव्रतम गति से होती है। शैश्वावस्था एवं बाल्यावस्था में शारीरिक विकास सिर से पैर की ओर ‘ एवं निकट से दूर की ओर, के नियमानुसार होता है।

6. मानव विकास क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है जो है

(a ) शारीरिक, आध्यात्मिक संज्ञानात्मक और सामाजिक

(b ) शारीरिक, संज्ञानात्मक, संवेगात्मक और सामाजिक

(c ) संवेगात्मक, संज्ञानात्मक, आध्यात्मिक और सामाजिक मनोवैज्ञानिक

(d) मनोवैज्ञानिक, संज्ञानात्मक संवेगात्मक और शारीरिक

Ans : (b ) मानव विकास को निम्न क्षेत्रों में विभाजित किया जाता है – शारीरिक विकास, मानसिक विकास, भाषागत विकास, सामाजिक विकास संवेगात्मक विकास, नैतिक विकास आदि ।

7. गर्भ में बालक को विकसित होने में कितने दिन लगते हैं ?

(a ) 150 (b) 280

(c ) 390 (d ) 640

Ans : (b) सामान्यतः जन्म पूर्व काल की अवधि चालीस सप्ताह अथवा 280 दिन का होता है। जन्म पूर्व काल को तीन काल खण्डों डिम्बावस्था (Period of ovum), पिण्डावस्था ( Period of Jembryo ) तथा भूणावस्था ( Period of fetus ) में बाँटा जा सकता है।

8. नवजात शिशु का भार होता है

(a) 6 पाउण्ड

(b ) 7 पाउण्ड

(c ) 8 पाउण्ड

(d ) 9 पाउण्ड

Ans : (b ) नवजात शिशु का भार लगभग 7.5 पाउण्ड (3.17 किलो. ) होता है एवं इनकी लम्बाई 19.5 इंच होता है। इस अवस्था में वह माँ के दूध पर ही निर्भर रहता है

9. बालक का सामाजिक विकास प्रभावित होता है

(a ) सामाजिक आर्थिक स्तर से

(b ) विद्यालय से

(c ) परिवार से

(d ) इनमें से सभी से

Ans : (d ) दिये गये विकल्पों में बालक का सामाजिक विकास सभी प्रभावित करते हैं । बालक पहले परिवार का सदस्य होता है, फिर वह विद्यालय जाता है वहाँ सीखता है तथा सामाजिक आर्थिक स्तर भी बालक के सामाजीकरण में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।

10. जन्मोत्तर (जन्म के बाद की) विकास की दूसरी प्रमुख अवस्था है

(a ) गर्भावस्था

(b ) शैशवावस्था

(c) किशोरावस्था

(d) बाल्यावस्था

(Ans) : (b) जन्म के विकास की अवस्था पहली अवस्था शैशवावस्था दूसरी अवस्था वाल्यावस्था तीसरी अवस्था किशोरावस्था

11. ‘खिलौनों की आयु कहा जाता है।

(a) पूर्व बाल्यावस्था को

(b) उत्तर बाल्यावस्था को

(c) शैशवावस्था को

(d) इनमें से सभी

Ans : (a) पूर्व बाल्यावस्था की आयु 36 वर्ष मानी जाती है। इस आयु वर्ग को खिलौनो आयु’ कहा जाता है क्योंकि इस अवस्था में बालक अपने खिलौनों के साथ ही अपना

12. वयः सन्धि काल में निम्न में से कौन बाह्य अभिव्यक्ति नहीं है ?

(a ) प्रभुता / सत्ता के विपरीत विरोध

(b ) अशान्ति

(c) आत्मनिर्भरता के प्रति आग्रही

(d ) सक्रिय खेलों के स्थान पर बैठे रह कर खेलना अधिक पसंद

Ans : (d) वयः संधि एक संक्रमण काल होता है जो बाल्यावस्था तथा किशोरावस्था के मिश्रित गुणों से बनता है। इस अवस्था में बालक अस्थिर, अशांत तथा विद्रोही स्वभाव का होता है। सक्रिय खेलो के साथ बैठ कर खेलना बाल्यावस्था के प्रमुख गुण होते है।

13. निम्न में से कौन सा बालकों के अधिगम एवं विकास में सबसे अधिक योगदान देता है ?

(a) परिवार, समवयस्क समूह और टेलीविजन

(b ) परिवार, समवयस्क समूह और अध्यापक

(c) परिवार खेल एवं कम्प्यूटर

(d) परिवार, खेल एवं पर्यटन

Ans : (b) बालकों के अधिगम एवं विकास में सबसे अधिक योगदान परिवार, समवयस्क समूह और अध्यापक का होता है।

14. वृद्धि के बारे में क्या सही नहीं है ?

(a ) अभिवृद्धि शारीरिक होती है

(b ) अभिवृद्धि मात्रात्मक होती है।

(c) अभिवृद्धि मापनीय होती है

(d ) अभिवृद्धि जीवनपर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है

Ans : (d) वृद्धि ( Growth) विकास ( Development) का ही भाग होता है। वृद्धि विकास में समाहित होती है।

 15. निरीक्षण विधि में किया जाता है।

(a) अपना अध्ययन

(b) अपने व्यवहार का अध्ययन

(c ) दूसरों के व्यवहारों का अध्ययन

(d ) व्यवहार विश्लेषण

Ans : (c) निरीक्षण प्रक्रिया में कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के कार्यों की जांच का अध्ययन करता है। निरीक्षण में स्वयं का मूल्यांक करना पक्षपात पूर्ण होता है। इसलिए निरीक्षण विधि में दूसरों के व्यवहारों का अध्ययन किया जाता है ताकि जाँच पक्षपातपूर्ण न होकर तटस्थ रहे।

16. केस अध्ययन विधि के संबंध में क्या सही नहीं है।

(a) यह एक वैज्ञानिक विधि है।

(b ) यह विधि बहु जटिल होती है।

(c) यह सरल और सस्ती होती है।

(d) यह कारण का पता लगाकर समस्याओं का निदान करती है।

Ans : (b)

 17. निम्नलिखित में से कौन सा बाल विकास का एक सिद्धान्त नहीं है ?

(a ) सभी विकास एक क्रम का पालन करते हैं

(b) विकास के सभी क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं

(c) सभी विकास परिपक्वन तथा अनुभव की अंतः क्रिया का परिणाम होते हैं

(d) सभी विकास तथा अधिगम एक समान गति से आगे बढ़ते हैं।

Ans : (d) सभी विकास तथा अधिगम एक समान गति से आगे बढ़ते है, यह सिद्धान्त गलत है क्योंकि अधिगम व्यवहार में उत्तरोत्तर अनुकुलन की एक प्रक्रिया है जब कि विकास वृद्धि के फलस्वरूप शरीर के विभिन्न अंगों में आए परिवर्तनों के संगठन से है।

18. विकास की ओर बढ़ता है

(a) सामान्य विशिष्ट

(b ) जटिल कठिन

(c) विशिष्ट सामान्य

(d ) साधारण आसान

Ans : (a) विकास सामान्य से विशिष्ट की ओर बढ़ता है। उदाहरणार्थ नवजात शिशु अपने शरीर के किसी एक अंग का संचालन करने से पूर्व अपने शरीर का संचालन करता है और किसी विशेष वस्तु की ओर इशारा करने से पूर्व अपने हाथों को सामान्य रूप से चलाता है।

19. अपने आपको प्रेम करने की प्रवृत्ति को क्या कहते हैं ?

(a) आत्मकेन्द्रित प्रवृत्ति

(b) अहंकारी प्रवृत्ति

(c) नार्सिसिज्म की प्रवृत्ति

(d) हिप्नोटिज्म की प्रवृत्ति

Ans : (c) मनोवैज्ञानिक फ्रायड ने यूनानी पौराणिक कथा के आधार पर स्वप्रेम की भावना के लिए नार्सिसिज्म ( अर्थात् अपने आपको प्रेम करने की प्रवृत्ति) शब्द का प्रयोग किया है। पौराणिक कथा में नार्सिसिस्ट नामक व्यक्ति को अपने शरीर से प्रेम करते हुए दिखाया गया है। इस तरह की भावना शिशु में उच्च स्तर की होती है।

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20. विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है। यह विचार किससे सम्बन्धित है?

(a) अन्तः सम्बन्ध का सिद्धांत

(b) निरन्तरता का सिद्धांत

(c) एकीकरण का सिद्धांत

(d) अन्तः क्रिया का सिद्धांत

Ans : (b ) विकास निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है जो जन्म से मृत्य तक निरंतर चलती रहती है तथा उसमें कोई भी विकास आकस्मिक ढंग से नहीं होता बल्कि धीरे धीरे होता है। अतः ” विकास कभी न समाप्त होने वाली प्रक्रिया है ” निरन्तरता के सिद्धांत से सम्बन्धित है।

 21. बाल विकास की कौन सी अवस्था में ओडीपस और इलेक्ट्रा जटिलता शुरू होती है

(a ) शैशवावस्था

(b ) बाल्यावस्था

(c) किशोरावस्था

(d) वयस्क अवस्था

Ans. (a ) फ्रायड ( Freud ) के अनुसार शैशवावस्था में ही ओडिपस ( Oedipus ) व इलेक्ट्रा ( Electra ) ग्रन्थि का विकास हो जाता है। यह अवस्था 3 वर्ष से प्रारम्भ होकर 4 से 6 वर्ष की आयु तक चलती है। ओडिपस (Oedipus) यह ग्रन्थि लड़कों में पाया • जाता है। जिससे इनका अपनी माता के प्रति ज्यादा ममता, प्रेम इलेक्ट्रा ( Electra) यह ग्रन्थि लड़कियों में पायी जाती है। जिसस प्रेम पिता के प्रति ज्यादा होता है। 

22. सामान्य पुरुष में XY गुणसूत्र होते है जबकि सामान्य महिला में होते हैं।

(a ) XX गुणसूत्र

(b ) XYY गुणसूत्र

( c ) XXX गुणसूत्र

(d ) X गुणसूत्र

Ans : (a ) सामान्य पुरुष में XY गुणसूत्र होते है जबकि सामान्य महिला में XX गुणसूत्र होता है। इन गुणसूत्रों से लिंग का निर्धारण किया जाता है

 23. आनुवंशिकता को…….. सामाजिक संरचना माना जाता है।

(a ) गत्यात्मकता

(b ) स्थिर

(c) प्राथमिक

(d) गौण

Ans : (b ) वंशानुक्रम या आनुवांशिक गुण प्रत्येक व्यक्ति को अपने माता पिता से प्राप्त होता है जो कि स्थिर होता है। वातावरणीय प्रभाव से इन गुणों को दिशा व दशा मिलती है इसलिए वातावरण सामाजिक संरचना का गत्यात्मक पहलू है जबकि वंशानुक्रम स्थिर पहलू है।

24. प्रकृति पोषण विवाद निम्नलिखित में से किससे सम्बन्धित है ?

(a) व्यवहार एवं वातावरण

(b) वातावरण एवं जीव विज्ञान

(c) वातावरण एवं पालन पोषण

(d) आनुवांशिकी एवं वातावरण

Ans : (d) यहाँ पर प्रकृति शब्द व्यक्ति की आनुवांशिकी संरचना से संबंधित है, जो उसे जन्म से ही प्राप्त है तथा पोषण शब्द वातावरण से संबंधित है जिसमें व्यक्ति बृद्धि व विकास करता है। किसी भी व्यक्ति के विकास में इन दोनों का योगदान है। किन्तु वर्तमान में यह विवाद तेजी से उत्पन्न हुआ है कि व्यक्ति के व्यवहार पर किसका प्रभाव ज्यादा पड़ता है। यही विवाद प्रकृति पोषण विवाद के रूप में जाना जाता है।

 25. ____ तथा _____ की विशिष्ट अन्योन्यक्रिया का परिणाम विकास के विविध मार्गों और निष्कर्षों के रूप के में हो सकता है।

(a) खोज: पोषण

(b ) चुनौतियाँ : सीमाएं

(c ) वंशानुक्रम : पर्यावरण

(d ) स्थिरता परिवर्तन

Ans : (c) बालक के सम्पूर्ण व्यवहार की सृष्टि वंशानुक्रम और वातावरण की अंतः क्रिया द्वारा होती है। मार्स एवं विंगो का मत है। ” मानव व्यवहार की प्रत्येक विशेषता वंशानुक्रम और वातावरण अन्योन्यक्रिया का फल है। ” इसलिए वंशानुक्रम तथा पर्यावरण विशिष्ट अन्योन्यक्रिया का परिणाम विकास के विविध मार्गों निष्कर्षों के रूप में हो सकता है।

26 जन्मजात वैयक्तिक गुणों का योगफल है।

(a) समानता

(b) निरन्तरता

(c) वंशानुक्रम

(d) युयुत्सा

Ans : (c) आनुवंशिकता का विकास शारीरिक एवं मानसिक गुणों के संचरण से होता है जो माता पिता से बच्चों में जीन्स के माध्यम से प्रवेश करता है। इसी के द्वारा वंशानक्रम का निर्धारण भी होता है। इसलिए कहा जाता है कि वंशानुक्रम जन्मजात वैयक्तिक गुणा का योगफल है। वी. एन. झा के अनुसार वंशानुक्रम व्यक्ति का जन्मजात विशेषताओं का पूर्ण योग है। “

 26. इनमें से किनका नाम सृजनशास्त्र के पिता से जुड़ा हुआ है ?

(a) क्रो एवं क्रो

(b) गाल्टन

(c) रॉस

(d) वुडवर्थ

Ans : (b) गाल्टन को सृजनशास्त्र का पिता कहा जाता है। सृजन विज्ञान व्यवहारिक वंशानुक्रम की वह शाखा है जिसके अंतर्गत वंशानक्रम के सिद्धान्तों की सहायता से भावी पीढियों को वंशानक्रम में प्राप्त होने वाले लक्षणों को नियंत्रित किया जाता है जिससे मानव जाति की नस्ल सुधर सके।

27. निम्नलिखित में से कौन सा मुख्य रूप से आनुवंशिकता संबंधी कारण है ?

(a) आँखों का रंग

(b) सामाजिक गतिविधियों में भागीदारिता

(c) समकक्ष व्यक्तियों के समूह के प्रति अभिवृत्ति

(d) चिंतन पैटर्न

Ans : (a) आनवंशिकता के कारण आखा का रंग भरा. नीला या अन्य प्रकार का हो सकता है जबकि सामाजिक गतिविधियों में भागीदारिता, समकक्ष व्यक्तियों के समूह के प्रति अभिवृत्ति और चिंतन पैटर्न वातावरण के कारण प्रभावित होता है।

 28. समाजीकरण है:

(a) सामाजिक मानदंडों में परिवर्तन

(b) शिक्षक एवं पढ़ाए गए के बीच संबंध

(c) समाज के आधुनिकीकरण की प्रक्रिया

(d) समाज के मानदंडों के साथ अनुकूलन

Ans : (d ) व्यक्ति का समाज के मानदण्डों के साथ अनुकूलन हो । समाजीकरण है। अर्थात समाजीकरण वह प्रविधि है, जिसके द्वारा संस्कृति को एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक हस्तान्तरित किया जाता है। इसके माध्यम से मानव अपने समूह एवं समाज के मूल्यों, रीति रिवाजों, लोकाचारों, आदर्शों एवं सामाजिक उद्देश्यों को सीखता है। दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि समाजीकरण एक प्रक्रिया है जिसके द्वारा मानव को सामाजिक सांस्कृतिक संसार से परिचित कराया जाता है।

29. निम्न में से कौन सा समाजीकरण की निष्क्रिय एजेंसी है ?

(a ) परिवार

(b ) ईको क्लब

(c ) सार्वजनिक पुस्तकालय

(d ) स्वास्थ्य क्लब

Ans : (c ) परिवार, ईको क्लब व स्वास्थ क्लब सामाजीकरण की सक्रिय संस्थाएं हैं। जहाँ व्यक्ति दूसरों के साथ संप्रेषण के माध्यम से सामाजिक बनता है तथा अपने विचारों को दुसरो के साथ बाँटता है। परन्तु यह सार्वजनिक पुस्तकालय में अधिक सम्भव नहीं है।

 30. विकास के लिये निम्नलिखित में से कौन सा एक उचित है ?

(a ) विकास जन्म के साथ प्रारम्भ होता है और समाप्त होता है।

(b) सामाजिक सांस्कृतिक संदर्भ विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है।

(c) विकास एकल आयामी है।

(d ) विकास पृथक होता है

Ans : (b ) विकास एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है जो मनुष्य के जन्म से लेकर मृत्यु पर्यन्त चलती रहती है। विकास कई प्रकार से होते है शारीरिक विकास . मानसिक विकास, सामाजिक विकास, शैक्षिक विकास आदि। अतः सामाजिक एवं सांस्कृतिक संदर्भ में विकास में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है

31. परिवार एक साधन है

(a ) अनौपचारिक शिक्षा का

(b ) औपचारिक शिक्षा का

(c ) गैर औपचारिक शिक्षा का

(d ) दूरस्थ शिक्षा का

Ans : (a ) परिवार ही बालक का प्राथमिक विद्यालय होता है तथा माता पिता को ही बालक के प्रारम्भिक शिक्षक माने जाते है। इनसे प्राप्त ज्ञान अनौपचारिक होती है तथा इसी ज्ञान से बालक में सामाजिक एवं नैतिक मूल्यों का विकास होता है।

 32. निम्न में से किसका मिलान सही है ?

(a ) शारीरिक विकास वातावरण

(b) संज्ञानात्मक विकास परिपक्वता

(c) सामाजिक विकास वातावरण

(d ) संवेगात्मक विकास परिपक्वता

Ans : (c ) स्किनर व हैरीमनल के शब्दों में वातावरण और संगठित साधनों के कुछ ऐसे विशेष कारक हैं, जिनका बालक के सामाजिक विकास की दशा पर निश्चित और विशिष्ट प्रभाव पड़ता है।

33. ” बच्चे अपनी समझ से विश्व की परिकल्पना करते हैं। ये कथन किसने दिया था ?

(a ) पैवलूव

(b) स्किनर

(c) पियाजे

(d ) कोलवर्ग

Ans : ( c ) पियाजे के अनुसार “ बच्चे अपनी समझ से विश्व की परिकल्पना करते हैं
 

34. नवीन जानकारी को शामिल करने के लिए वर्तमान स्कीमा (अवधारणा) में बदलाव की प्रक्रिया.. कहलाती है

(a ) अनुकूलन

(b ) आत्मसात्करण

(c) समायोजन

(d ) अहंकेन्द्रिता

Ans.  (c ) नवीन जानकारी को शामिल करने के लिए वर्तमान स्कीमा (अवधारणा) में बदलाव की प्रक्रिया समायोजन कहलाती है। समायोजन से तात्पर्य नवीन अनुभवों की दृष्टि से वर्तमान स्कीमा (बौद्धिक संरचनाओं) में सुधार करने विस्तार करने या परिवर्तन करने से है।

 

35. पियाजे के अनुसार 2 से 7 वर्ष के बीच का एक बच्चा संज्ञानात्मक विकास की .. ……. अवस्था में है

(a ) पूर्व संक्रियात्मक

(b) औपचारिक संक्रियात्मक

(c) मूर्त संक्रियात्मक

(d) संवेदी गतिक

Ans : (a ) पियाजे ने संज्ञानात्मक सिद्धान्त की व्याख्या चार प्रमुख अवस्थाओं में बांटकर की है, जो निम्न है

( 1 ) संवेदीगात्मक अवस्था – (02) वर्ष ।

( 2 ) पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (2- 7 ) वर्ष

( 3 ) मूर्त संक्रिया अवस्था ( 7-11 ) वर्ष

( 4 ) औपचारिक संक्रिया अवस्था (11-15 ) वर्ष

 

36. पूर्व संक्रियात्मक काल में आने वाली संज्ञानात्मक योग्यता है

(a ) अमूर्त चिंतन की योग्यता

(b) अभिकल्पनात्मक निष्कर्ष चिंतन

(c ) लक्ष्य उद्दिष्ट व्यवहार की योग्यता

(d ) दूसरे के दृष्टिकोण को समझने की योग्यता

 Ans : ( c ) पूर्व संक्रियात्मक अवस्था की अवधि 2 से 7 वर्ष तक माना गया है। पियाजे के अनुसार इस अवस्था में बच्चे अहंकेन्द्रित हो जाते है, वे चीजों को स्वयं से सम्बद्ध करके देखने लगते है। इस अवस्था में बच्चे लक्ष्य उदृष्ट व्यवहार की योग्यता सीख लेते है। इसी अवस्था में संकेतात्मक कार्यों का प्रादुर्भाव तथा भाषा का प्रयोग प्रारम्भ हो जाता है।

37. लेव वाइगोत्स्की के अनुसार संज्ञानात्मक विकास का मूल कारण है

( a ) संतुलन

(b ) सामाजिक अन्योन्यक्रिया

(c) मानसिक प्रारूपों (स्कीमाज़) का समायोजन

(d) उद्दीपक अनुक्रिया युग्मन

Ans : (b ) लेव वाइगोत्स्की के अनुसार संज्ञानात्मक विकास का मूल कारण सामाजिक अन्योन्यक्रिया है। लेव वाइगोत्स्की ने बच्चों के संज्ञानात्मक विकास में सामाजिक कारकों एवं भाषा को महत्वपूर्ण बतलाया है।

 

38. लेव वाइगोत्सकी के समाज संरचना सिद्धान्त में दृढ़ विश्वास रखने वाले शिक्षक के नाते आप अपने बच्चों के आकलन के लिए निम्नलिखित में से किस विधि को वरीयता देंगे ?

(a ) सहयोगी प्रोजेक्ट

(b ) मानकीकृत परीक्षण

(c ) तथ्यों पर आधारित प्रत्यास्मरण के प्रश्न

(d ) वस्तुपरक बहुविकल्पी प्रकार के प्रश्न

: Ans (a ) वाइगोत्सकी अपने सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धान्त के लिए जाने जाते हैं । इस सिद्धान्त के अनुसार सामाजिक अंतः क्रिया ही बालक की सोच व व्यवहार में निरंतर बदलाव लाता है। उनके अनुसार किसी बालक का संज्ञानात्मक विकास उसके अन्य व्यक्तियों से अंर्तसम्बन्धों पर निर्भर करता है। अतः इस सिद्धान्त में विश्वास रखने के नाते सहयोगी प्रोजेक्ट के माध्यम से बच्चों का आकलन किया जा सकता है।

39. कोहलबर्ग का विकास सिद्धान्त निम्न में से किससे सम्बन्धित है ?

(a ) भाषा विकास

(b) संज्ञानात्मक विकास

(c) नैतिक विकास

(d) सामाजिक विकास

 

Ans : (c ) लारेंस कोहलवर्ग ने 10 16 वर्ष के उम्र में बच्चों के व्यवहार का विश्लेषण किया तथा जीन पियाजे के नैतिक विकास के सिद्धांत को विस्तारित, परिवर्तित तथा परिमार्जित किया। कोहलवर्ग ने नैतिक विकास के सिद्धांत में तीन प्रमुख स्तर माना जो निम्न है

1. पूर्व परम्परागत स्तर (प्राक रूढ़िगत स्तर)

2. परम्परागत स्तर (रूढ़िगत नैतिक स्तर)

3. उत्तर रूढ़िगत स्तर (उत्तर परम्परागत)

40. पियाजे मुख्यतः …………के क्षेत्र में योगदान के लिए जाने जाते हैं।

(a) भाषा विकास

(b) ज्ञानात्मक विकास

(c) नैतिक विकास

(d) सामाजिक विकास

 Ans (b ) बालकों के ज्ञानात्मक विकास के परीक्षण के लिए पियाजे की महत्पवूर्ण भूमिका रही है। पियाजे ने बालक के ज्ञानात्मक विकास को चार प्रमुख चरणों में विभाजित किया है।

1. संवेदनात्मक गामक अवस्था (0- 2 वर्ष)

2. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (27 वर्ष)

3. मूर्त संक्रियात्मक अवस्था ( 7-11 वर्ष)

4. औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11-15 वर्ष तक)

41. पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धान्त में अमूर्त तर्क एवं परिपक्व नैतिक चिंतन किस अवस्था की विशेषताएँ हैं ?

(a) संवेदनात्मक गामक अवस्था

(b) पूर्व संक्रियावस्था

(c ) औपचारिक संक्रियावस्था

(d ) मूर्त संक्रिया अवस्था

Ans : (c ) पियाजे के संज्ञानात्मक विकास की चार अवस्थाए होती है

1- संवेदनात्मक गामक अवस्था (जन्म से 2 वर्ष तक)

2- पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (27 वर्ष)

3 मूर्त संक्रियात्मक अवस्था ( 7-11 वर्ष)

4 औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था (11-14 वर्ष तक)

चतुर्थ अवस्था में बालक में चिंतन में पूर्ण क्रबद्धता आ जाती है तथा अमूर्त तर्क एवं परिपक्व नैतिक चिंतन का विकास हो जाता है।

42. कोहलबर्ग के अनुसार किस अवस्था में नैतिकता बाहा होती है ?

(a ) पूर्व पारम्परिक अवस्था

(b ) पारम्परिक अवस्था

(c ) पश्चात् पारम्परिक अवस्था

(d ) उपरोक्त में से कोई नहीं

Ans (b ) लारेंस कोहलबर्ग के नैतिक विकास के सिद्धांत में तीन प्रमुख अवस्थाएं होती हैं ।

1. पूर्व परम्परागत स्तर (प्राकरुढ़िगत स्तर)

2. परम्परागत स्तर ( रुढ़िगत नैतिक स्तर)

3. उत्तर रुढ़िगत स्तर परम्परागत अवस्था में बालक में नैतिकता बाह्य कारकों के द्वारा निर्धारित होती है।

43. पियाजे मुख्य रूप से किसके अध्ययन के लिए जाने जाते हैं ?

(a ) भाषा विकास

(b ) यौन विकास

(c) संज्ञानात्मक विकास

(d) सामाजिक विकास

Ans : (c ) संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत जीन पियाजे द्वारा दिया गया। इन्होंने अपने निजी प्रेक्षणों के आधार पर बालक के संज्ञानात्मक विकास को परिभाषित किया । इनके अनुसार संज्ञानात्मक विकास व्यक्ति के जन्मजात संरचना एवं प्रक्रियाओं के साथ अनुभवों की अंतक्रिया पर निर्भर करता है। संज्ञानात्मक विकास निम्न प्रक्रियाओं से होकर गुजरती है (1) संगठन ( 2 ) अनुकूलन ( मसातन (4) ). समंजन |

44. पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की द्वितीय अवस्था है ?

(a ) ज्ञानेन्द्रिय अवस्था

(b ) औपचारिक संक्रियता की अवस्था

( c ) पूर्व संक्रिया की अवस्था

(d ) मूर्त संक्रिया की अवस्था

 Ans : (c ) पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास की 4 अवस्थाएँ होती हैं

1 ) संवेदीगामक अवस्था ( Sensor motor stage ) ( O 2 वर्ष)

2 ) पर्व संक्रियात्मक अवस्था (Pre operations stage) (2-7)

3 ) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Concrete operations stage ) ( 7-11)

4 ) औपचारिक संक्रिया अवस्था (Formal operations stage ) ( 11-15)

45. मानव के ज्ञानात्मक (मानसिक) विकास की मर्त संक्रिया अवस्था में सामान्यतः किस आयु काल को शामिल किया जाता है ?

(a ) लगभग दो से सात वर्ष तक

(b ) जन्म से दो वर्ष तक

(c) लगभग सात से ग्यारह वर्ष तक

(d ) लगभग बारह से पंद्रह वर्ष तक

Ans : ( c ) मानव के ज्ञानात्मक (मानसिक) विकास की मूर्त संक्रिया अवस्था में सामान्यतः लगभग सात से ग्यारह वर्ष तक की आय काल को शामिल किया जाता है।

46. पियाजे के अनुसार अहंकेन्द्रित क्या है ?

(a ) वातावरण ज्ञान का केन्द्र

(b ) बालक विश्व का केन्द्र है और हर चीज उसके इर्द गिर्द 

(c) संवेदी गामक अवस्था

(d) इनमें से कोई नहीं

 (Ans : (b ) पियाजे के अनुसार अहंकेन्द्रित या अहंकेन्द्रीयकरण ( Ego centerlization १) से तात्पर्य बालक की इस मान्यता से होता है कि सभी व्यक्तियों के घटना के सम्बन्ध में ठीक यही विचार है जो मेरे विचार हैं। बालक समझते हैं कि वह विश्व का केन्द्र है और हर चीज उसके इर्द-गिर्द घूमती है।

47. पियाजे के सिद्धांत में आयतन, लंबाई मात्रा इत्यादि का संरक्षण किस अवस्था में होता है ?

(a ) स्थूल प्रक्रिया

(b ) औपचारिक प्रक्रिया ।

(c ) पूर्व प्रक्रिया

(d) संवेदी पेशीय प्रक्रिया

Ans : (a ) पियाजे के सिद्धांत में आयतन, लम्बाई मात्रा आदि का संरक्षण स्थूल प्रक्रिया अवस्था या मूर्त संक्रिया अवस्था में होता है। यह अवस्था लगभग 7-11 वर्ष की आयु तक चलती है। इस अवस्था में बालक ती योग्यताएँ हासिल कर लेता है – ( 1 ) विचारों की विलोमियता ( 2 ) संरक्षण तथा क्रमबद्धता ( 3 ) पूर्ण अंश संप्रत्ययों का उपयोग ।

48. बच्चों के बारे में निम्नलिखित कथनों में से किस कथन से वाइगोत्स्की सहमत होते ?

(a ) बच्चे तब सीखते हैं जब उनके लिए आकर्षक पुरस्कार

(b ) बच्चों के चिन्तन को तब समझा जा सकता है जब प्रय प्रयोग किए जाएँ । 

(c) बच्चे जन्म से शैतान है और उन्हें दण्ड देकर नियंत्रित किया जाना चाहिए

(d ) बच्चे समवयस्कों और वयस्कों के साथ सामाजिक अन्तः क्रियाओं के माध्यम से सीखते हैं।

 Ans : (d ) वाइगोत्सकी का मानना है कि बच्चे समवयस्कों और वयस्कों के साथ सामाजिक अंतः क्रियाओं के माध्यम से सीखते हैं। वस्तुतः वाइगोत्सकी ने बालक के संज्ञानात्मक विकास में समाज एवं उसके सांस्कृतिक सम्बन्धों के बीच संवाद को एक महत्त्वपूर्ण आयाम घोषित किया।

49. वाइगोत्स्की तथा पियाजे के परिप्रेक्ष्यों में एक प्रमुख विभिन्नता है

(a ) व्यवहारवादी सिद्धांतों की उनकी आलोचना

(b ) ज्ञान के सक्रिय निर्माताओं के रूप में बच्चों की संकल्पना

(c ) बच्चों को एक पालन पोषण का परिवेश उपलब्ध कराने की भूमिका

(d) भाषा एवं चिन्तन के बारे में उनके दृष्टिकोण

Ans : ( (d ) वाइगोत्सकी तथा पियाजे के दृष्टिकोण में एक प्रमुख भिन्नता भाषा एवं चिंतन के बारे में है। वाइगोत्सकी के अनुसार अधिगम और विकास की पारस्परिक प्रक्रिया में बालक की सक्रिय भागीदारी होती है जिसमें भाषा का संज्ञान पर सीधा प्रभाव पड़ता है। जबकि पियाजे संज्ञानात्मक विकास पर भाषा के प्रभाव को नहीं। मानते। उनके अनुसार संज्ञानात्मक विकास सार्वभौमिक होता है।

50. कोलबर्ग के सिद्धांत की एक प्रमुख आलोचना क्या

(a ) कोलबर्ग ने बिना किसी अनुभूतिमूलक आधार के सिद्धांत प्रस्तुत किया

(b ) कोलबर्ग ने नैतिक विकास की स्पष्ट अवस्थाओं का उल्लेख नहीं किया

(c ) कोहलबर्ग ने प्रस्ताव दिया कि नैतिक तार्किकता विकासात्मक है

(d ) कोलबर्ग ने पुरुषों एवं महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृतिक विभिन्नताओं को महत्त्व नहीं दिया

Ans : ( d ) कोलबर्ग के सिद्धांत की एक प्रमुख आलोचना यह है कि इन्होंने पियाजे के सिद्धांत की ही नकल किया है तथा दूसरी आलोचना यह है कि इन्होंने पुरुषों व महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृतिक विभिन्नताओं को महत्त्व नहीं दिया।

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