:- संयुक्त अधिगम सीखने समझने और जानने की एक ऐसे संज्ञानात्मक विद्या है जिसमें व्यक्ति अपनी आत्मा मानसिक चिंतन चेतना तथा व्यवहार के पक्षों को जोड़ता है। दूसरे शब्दों में संयुक्त अधिगम की विद्या एकाग्रता के तथ्यों का आमोद अस्त्र है।
संयुक्त अधिगम क्या है
संयुक्त अधिगम दो पक्षों में कार्य करता है –
पहला मनोवैज्ञानिक पक्ष और दूसरा जिस संबंध में हम जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। उदाहरण स्वरूप कोई व्यक्ति एक छात्र किसी तत्व की जानकारी प्राप्त करना चाहता है तो इसके लिए वह स्वयं को मनोवैज्ञानिक रूप से जोड़ता है या समाकलित करता है और समाकलन के उपरांत वह जिस वस्तु का बोध करना चाहता है उसको समाकलित रूप से समझकर उसको खंडसह समझने का प्रयत्न करता है इस प्रकार संयुक्त अधिगम दोनों रूपों में कार्य करता है।
संयुक्त अधिगम का अर्थ
संयुक्त अधिगम का अर्थ है विभिन्न स्रोतों से जानकारी को एकत्र करना और समग्र ज्ञान का निर्माण करना। इसका अर्थ है कि विभिन्न स्रोतों से आने वाली जानकारी को संग्रहित करके एक समग्र तथ्य को बनाया जाता है। इस प्रक्रिया में, विभिन्न स्रोतों से आने वाली जानकारी को सम्हाला जाता है, उसे विश्लेषित किया जाता है और फिर उसका एक सम्पूर्ण धारणा किया जाता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से अधिगम में समृद्धि होती है और व्यक्ति का ज्ञान बढ़ता है।
सीखने और समझने के लिए संयुक्त अधिगम की प्रक्रिया सार्वभौमिक तथा समग्र रूप में प्रयुक्त होती है। संयुक्त अधिगम की अवधारणा का प्रयोग शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के निहितार्थ व्यापक रूप में किया जाता है। संयुक्त अधिगम की अवधारणा के आधार पर ही वर्तमान समय में बालक केंद्रीय शिक्षण प्रणाली का प्रादुर्भाव हुआ है। तथा प्रत्येक गतिविधियों में बालक को आगे बोलने का अवसर दिया जाता है। संयुक्त अधिगम के आधार पर ही समाकलत अधिगम व्यवस्था का जन्म हुआ है । इसके आधार पर परिवेशिए संसाधनों का उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है। विषय वस्तु के चयन में भी इसका उपयोग व्यापक रूप से किया जाता है क्योंकि जब तक कोई भी विषय वस्तु छात्र के जीवन से संबंधित नहीं होगी तथा यदि उपयोगी नहीं होगी तब तक उसे सीखने का प्रयास नहीं करेंगे इसलिए प्राथमिक स्तर पर विषय वस्तु का चयन भी परिवेशीए सामग्री के आधार पर किया जाता है । इसी प्रकार छात्रों के समक्ष विभिन्न प्रकार के अब उदाहरण भी उनके परिवेश एवं जीवन से संबंधित किए जाते हैं। इस प्रकार शिक्षण अधिगम नीतियों में भी इसका उपयोग व्यापक स्तर पर किया जाता है। इस प्रकार का समाकलन की अवधारणा का प्रयोग शिक्षा व्यवस्था में व्यापक रूप से किया जाता है। यहां संयुक्त अधिगम में प्रयोग अर्थात समाकलन अधिगम उपागम अथवा समाकलन अधिगम के बारे में जानेंगे
समाकलित अधिगम
:-समाकलित अधिगम का अर्थ बालकों की स्वाभाविक परिवेश क्रियाओं से है जिनके माध्यम से छात्र रुचि पूर्ण ढंग से अधिगम करते हैं। इसमें छात्र के रूचि एवं परिवेशीए व्यवस्था समाहित होती है जैसे बालकों को विभिन्न प्रकार के लोक गीत लोक नृत्य सीखने में कोई समय नहीं लगता क्योंकि उनको वह अपने परिवेश में निरंतर देखते हैं। यह सभी गति उनको अच्छे लगते हैं तथा उनेक ऊपर किसी प्रकार का कोई नियंत्रण नहीं है । इस प्रकार के विभिन्न क्रियाकलापों समाकलन अधिगम किस श्रेणी में आता है
समाकलित अधिगम का अर्थ
समाकलित अधिगम का अर्थ होता है एक समय सीमित अधिगम का प्राप्त करना। इसका मतलब है किसी विशेष समय में किए गए अधिगम की अवधि को संक्षिप्त करना। यह एक तरह का संक्षिप्तिकरण होता है जिसमें ज्ञान की सारांशिकता किया जाता है ताकि यह अधिगम संग्रहीत किया जा सके और उसे सुविधाजनक ढंग से साझा किया जा सके। इसे सामान्यत: संक्षेपण के रूप में किया जाता है ताकि अधिगम की महत्ता और मूलभूत सिद्धांतों को संज्ञान में लिया जा सके। यह विशेष रूप से शिक्षा और अध्ययन के क्षेत्र में प्रयोग किया जाता है।
समाकलित अधिगम की विशेषताएं
- अधिगम स्थितियों का निर्माण।
- परिवेश से संबंधित शिक्षा।
- उपयोगी अधिगम व्यवस्था।
- रुचि पूर्ण अधिगम व्यवस्था।
- स्वाभाविक वातावरण व्यवस्था।
- बाल केंद्रित अधिगम।
- पूर्ण स्वतंत्रता।
- अधिगम के व्यापक स्थिति।
इन्हें भी देखें
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- CTET CDP Question Paper 4th February 2023
- CTET 7th February CDP Question Paper 2023
- CTET 6th February 2023 Question Paper HINDI
- CTET Previous year Question Paper 17 january 2022 CDP Question
- पियाजे के संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत
- Theory of Transfer Of Learning
- विशिष्ट शिक्षा से आप क्या समझते हैं ? इसके विशेषताओं तथा उद्देश्यों
- प्रक्रियात्मक अधिगम – Procedural Learning
- Types of Knowledge | ज्ञान के प्रकार